अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि वेनेजुएला से तेल या गैस खरीदने वाले किसी भी देश को अब 25% अतिरिक्त टैरिफ देना होगा। यह कदम अमेरिका के व्यापारिक संबंधों में एक बड़ा बदलाव लाएगा, खासकर उन देशों के लिए जो वेनेजुएला से कच्चे तेल का आयात करते हैं।
ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, “वेनेजुएला ने अमेरिका और हमारी स्वतंत्रता के मूल्यों के प्रति शत्रुतापूर्ण रवैया अपनाया है। इसलिए, जो भी देश वेनेजुएला से तेल या गैस खरीदेगा, उसे अमेरिका के साथ होने वाले व्यापार पर 25% टैरिफ देना होगा।”

भारत पर संभावित प्रभाव
भारत, जो दुनिया के सबसे बड़े कच्चे तेल उपभोक्ताओं में से एक है, हाल के वर्षों में वेनेजुएला से तेल आयात बढ़ा रहा है। 2023 के अंत और 2024 की शुरुआत में, भारत वेनेजुएला का सबसे बड़ा तेल खरीदार बन गया था।
भारत का वेनेजुएला से तेल आयात (2023-2024)
- दिसंबर 2023: भारत ने औसतन 1,91,600 बैरल प्रति दिन (bpd) तेल आयात किया।
- रिलायंस इंडस्ट्रीज: 1,27,000 bpd
- इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOC): 37,000 bpd
- एचपीसीएल-मित्तल एनर्जी: 28,000 bpd
- जनवरी 2024: भारत का आयात बढ़कर 2,54,000 bpd हो गया, जो वेनेजुएला के कुल निर्यात (5,57,000 bpd) का लगभग आधा था।
Trump के इस फैसले से भारत के लिए कच्चे तेल की लागत बढ़ सकती है, जिससे आर्थिक असर पड़ सकता है।
Trump ने क्यों लगाया टैरिफ?
Trump ने कहा कि वेनेजुएला ने अमेरिका में “अपराधियों और हिंसक गिरोहों” को भेजा है, जिसमें Tren de Aragua नामक संगठन भी शामिल है। इसे अमेरिकी सरकार ने विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका इन अपराधियों को वेनेजुएला वापस भेजने की प्रक्रिया में है।
भारत के लिए चुनौतियां
भारत की ऊर्जा जरूरतों का एक बड़ा हिस्सा कच्चे तेल के आयात से पूरा होता है। वेनेजुएला सस्ता और भारी ग्रेड का तेल प्रदान करता है, जिसे भारतीय रिफाइनरियां प्रोसेस करने में सक्षम हैं।
तेल की कीमतों में वृद्धि: टैरिफ के कारण वेनेजुएला से तेल खरीदने की लागत बढ़ जाएगी, जिससे भारत के लिए ऊर्जा आयात महंगा हो सकता है।
- आपूर्ति श्रृंखला पर असर: भारत को अन्य आपूर्तिकर्ताओं से तेल खरीदने की जरूरत पड़ सकती है, जिससे लॉजिस्टिक्स और डीलिंग की लागत बढ़ सकती है।
- रिलायंस और IOC पर प्रभाव: भारत की प्रमुख रिफाइनिंग कंपनियां, जैसे रिलायंस इंडस्ट्रीज और IOC, जो वेनेजुएला के तेल का बड़ा हिस्सा खरीदती हैं, वे इस नीति से प्रभावित होंगी।
क्या भारत अन्य विकल्पों की तलाश करेगा?
भारत की सरकार और तेल कंपनियां अब अन्य देशों से तेल खरीदने पर विचार कर सकती हैं। भारत पहले से ही ईरान, रूस और सऊदी अरब जैसे देशों से बड़ी मात्रा में तेल आयात करता है।
संभावित विकल्प
- रूस: 2022 के बाद से भारत ने रूस से तेल आयात बढ़ाया है, क्योंकि रूस भारतीय रुपये में भुगतान स्वीकार करता है।
- ईरान: यदि ईरान पर लगे प्रतिबंधों में ढील मिलती है, तो भारत वहां से तेल खरीद बढ़ा सकता है।
- सऊदी अरब और इराक: भारत के पारंपरिक आपूर्तिकर्ता होने के कारण, इन देशों से आयात बढ़ सकता है।
भारत-अमेरिका व्यापार संबंधों पर प्रभाव
अमेरिका और भारत के व्यापारिक रिश्ते हाल के वर्षों में मजबूत हुए हैं। लेकिन यह नया टैरिफ कुछ तनाव पैदा कर सकता है। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार 2024 में 190 बिलियन डॉलर तक पहुंच गया था, जिसमें ऊर्जा क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका थी।
विशेषज्ञों का मानना है कि भारत अमेरिकी प्रशासन से इस फैसले पर बातचीत कर सकता है या फिर किसी प्रकार की छूट की मांग कर सकता है।
अतिम
Trump के इस फैसले से भारत के ऊर्जा क्षेत्र और व्यापार पर गहरा असर पड़ सकता है। भारत को अपनी ऊर्जा रणनीति पर फिर से विचार करना होगा और अन्य देशों से तेल आपूर्ति के नए रास्ते तलाशने होंगे। हालांकि भारत-अमेरिका संबंध मजबूत हैं, लेकिन यह टैरिफ नई चुनौतियां खड़ी कर सकता है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इस मुद्दे पर क्या रुख अपनाती है और आने वाले दिनों में वैश्विक ऊर्जा बाजार इस फैसले पर कैसी प्रतिक्रिया देता है।