मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने रोका धर्मांतरण प्रयास, 18 यात्रियों को ट्रेन से उतारा

मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने रोका धर्मांतरण प्रयास, 18 यात्रियों को ट्रेन से उतारा

मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने रोका धर्मांतरण प्रयास, 18 यात्रियों को ट्रेन से उतारा

मध्य प्रदेश सरकार की रेलवे पुलिस (GRP) ने एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए 18 यात्रियों को ट्रेन से उतार लिया, जिन्हें कथित रूप से पंजाब में ईसाई धर्म अपनाने के लिए आर्थिक लाभ और विदेश में काम करने के अवसरों का लालच दिया गया था। यह कार्रवाई बजरंग दल से मिली गुप्त सूचना के आधार पर की गई।

मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने रोका धर्मांतरण प्रयास, 18 यात्रियों को ट्रेन से उतारा
मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने रोका धर्मांतरण प्रयास,

मध्य प्रदेश रेलवे पुलिस ने कैसे हुआ खुलासा?

GRP को सूचना मिली थी कि छिंदवाड़ा के गरीब मजदूरों को पंजाब में ईसाई धर्म अपनाने के लिए बड़े पैमाने पर ले जाया जा रहा है। बताया जा रहा है कि इस पूरे मामले में दो लोग, सेजनाथ सूर्यवंशी और विजय कुमार, मुख्य भूमिका निभा रहे थे। उन्होंने इन यात्रियों को एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता, बच्चों को प्रतिष्ठित ईसाई स्कूलों में दाखिला, और विदेश में नौकरी के अवसर देने का वादा किया था।

ट्रेन में छिपे यात्रियों को किया गया गिरफ्तार

ये यात्री पटालकोट एक्सप्रेस से पंजाब के जलंधर जा रहे थे। पुलिस ने सबसे पहले गंजबासौदा स्टेशन पर ट्रेन रोककर 11 यात्रियों को हिरासत में लिया। इनमें सेजनाथ और विजय भी शामिल थे। जांच के दौरान पता चला कि ट्रेन में कुछ और यात्री भी मौजूद थे, जिन्हें बाद में बीना स्टेशन से पकड़ा गया।

इसके बाद पुलिस को सूचना मिली कि ट्रेन में कुछ और संदिग्ध लोग हैं। जैसे ही ग्वालियर स्टेशन पर ट्रेन पहुंची, पुलिस ने पूरी ट्रेन की गहन तलाशी ली। इस दौरान एस-5 कोच से तीन और यात्रियों को हिरासत में लिया गया, जिनकी पहचान रितेश प्रकाश (37), मना विश्वकर्मा (45) और राकेश (41) के रूप में हुई। इन सभी को गंजबासौदा पुलिस को सौंप दिया गया।

कैसे दी गई थी धर्मांतरण की पेशकश?

पुलिस पूछताछ में हिरासत में लिए गए लोगों ने खुलासा किया कि सेजनाथ और विजय ने उन्हें कई महीनों पहले संपर्क किया था। उन्होंने वादा किया था कि अगर वे ईसाई धर्म अपनाते हैं, तो उन्हें आर्थिक सहायता के अलावा उनके बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और विदेश में नौकरी के अवसर मिलेंगे। इतना ही नहीं, उन्हें इससे पहले भी एक बार फिरोजपुर, पंजाब के एक चर्च में ले जाया गया था।

यात्रियों ने यह भी बताया कि वे गरीबी और बेहतर अवसरों की चाहत में धर्मांतरण के लिए तैयार हो गए थे। हालांकि, उन्हें इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह पूरी योजना धोखे और बहलावे पर आधारित थी।

मुख्य साजिशकर्ता कौन?

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ है कि सेजनाथ और विजय लंबे समय से इस तरह के धर्मांतरण कार्यों में संलिप्त थे। वे लोगों को पैसों और अन्य सुविधाओं का लालच देकर धर्म परिवर्तन के लिए उकसा रहे थे। उन्होंने खासतौर पर आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों को अपना निशाना बनाया था।

मध्य प्रदेश सरकार का सख्त रुख

यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब मध्य प्रदेश सरकार धर्मांतरण के मामलों पर कड़ी कार्रवाई करने की योजना बना रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की थी कि राज्य सरकार नाबालिग लड़कियों के जबरन धर्मांतरण में शामिल लोगों के खिलाफ मौत की सजा का प्रावधान लाने की योजना बना रही है।

धर्मांतरण पर कानूनी कार्रवाई

मध्य प्रदेश पहले से ही धर्मांतरण को लेकर कड़े कानून लागू कर चुका है। राज्य में धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत किसी भी व्यक्ति को जबरदस्ती, प्रलोभन या धोखे से धर्म परिवर्तन कराने पर सजा का प्रावधान है।

क्या कहते हैं विशेषज्ञ?

कानूनी विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह के मामलों में न्यायिक प्रक्रिया को मजबूत करना बेहद जरूरी है ताकि किसी भी निर्दोष व्यक्ति को झूठे आरोपों में फंसने से बचाया जा सके।

समाज पर प्रभाव

इस प्रकार के धर्मांतरण प्रयास समाज में वैमनस्यता और विभाजन पैदा कर सकते हैं। इससे न केवल सामाजिक सद्भाव प्रभावित होता है, बल्कि इससे उन गरीब और जरूरतमंद लोगों का भी शोषण होता है, जो बेहतर जीवन की तलाश में गलत राह पकड़ लेते हैं।

क्या होगा आगे?

फिलहाल, पुलिस इस मामले की गहन जांच कर रही है। सेजनाथ और विजय के अन्य साथियों की तलाश जारी है। साथ ही, यह भी जांच की जा रही है कि क्या यह कोई संगठित धर्मांतरण गिरोह है या फिर कुछ लोग व्यक्तिगत रूप से इस गतिविधि में लिप्त थे।

मध्य प्रदेश सरकार की यह कार्रवाई उन लोगों के लिए एक कड़ा संदेश है, जो लालच देकर या दबाव डालकर धर्मांतरण कराने की कोशिश करते हैं। राज्य सरकार ने स्पष्ट कर दिया है कि जबरन या प्रलोभन के माध्यम से धर्मांतरण की घटनाओं को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

पुलिस इस मामले में सख्त रुख अपनाए हुए है और जांच के बाद दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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