India-China कूटनीतिक वार्ता: कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली

India-China कूटनीतिक वार्ता

India-China ने हाल ही में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और सीमा विवादों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कूटनीतिक बैठक आयोजित की। 25 मार्च 2025 को बीजिंग में भारत-चीन सीमा मामलों पर परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) की 33वीं बैठक हुई। इस बैठक का मुख्य उद्देश्य वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की स्थिति की समीक्षा करना और आपसी सहयोग को बढ़ावा देना था। इस बैठक में कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का भी महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया।

India-China :सीमा विवाद एक संक्षिप्त इतिहास

India-China कूटनीतिक वार्ता
India-China कूटनीतिक वार्ता

India-China के बीच सीमा विवाद दशकों पुराना है और ऐतिहासिक कारणों से उत्पन्न हुआ है। 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद से, दोनों देशों के बीच तनाव बना हुआ है। 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद द्विपक्षीय संबंधों में और अधिक खटास आ गई थी। इस संघर्ष में कई सैनिकों की जान चली गई थी, जिससे दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास में कमी आई। हालांकि, हाल के वर्षों में कई कूटनीतिक बैठकों और वार्ताओं के माध्यम से दोनों देशों ने तनाव को कम करने के प्रयास किए हैं।

India-China :33वीं WMCC बैठक मुख्य चर्चाएं और निष्कर्ष

विदेश मंत्रालय (MEA) के अनुसार, यह बैठक एक सकारात्मक और रचनात्मक माहौल में हुई। भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पूर्वी एशिया मामलों के संयुक्त सचिव, गोरंगलाल दास ने किया, जबकि चीनी पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्रालय के सीमा एवं समुद्री मामलों के महानिदेशक, हांग लियांग ने किया।

बैठक में निम्नलिखित प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा हुई:

  • वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) की वर्तमान स्थिति की व्यापक समीक्षा
  • सीमा पर शांति और स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता
  • सीमा प्रबंधन को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सैन्य और राजनयिक तंत्र को मजबूत करना
  • कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली
  • व्यापार, जल संसाधन सहयोग और सांस्कृतिक आदान-प्रदान पर चर्चा

India-China:कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली

बैठक का सबसे महत्वपूर्ण परिणाम कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने पर सहमति बनना था। यह यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायियों के लिए अत्यंत पवित्र मानी जाती है। कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील को हिंदू धर्म में भगवान शिव का निवास स्थल माना जाता है, जबकि बौद्ध और जैन धर्मों में भी इसे एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल माना गया है।

2020 में COVID-19 महामारी और सीमा विवाद के कारण यह यात्रा स्थगित कर दी गई थी। अब, दोनों देशों ने इस यात्रा को गर्मियों 2025 से फिर से शुरू करने पर सहमति जताई है।

मुख्य निर्णय:

  • यात्रा को पुनः आरंभ करने के लिए विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
  • सुरक्षा और प्रशासनिक पहलुओं को ध्यान में रखते हुए यात्रा मार्गों की समीक्षा की जाएगी।
  • भारत-चीन के संबंधित अधिकारियों के बीच समन्वय को मजबूत किया जाएगा।

इस फैसले से धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और भारत-चीन संबंधों को एक नई दिशा मिलेगी।

India-China :सीमा पार जल सहयोग और डेटा साझेदारी

India-China के बीच सीमा पार नदियों के जल प्रबंधन को लेकर भी चर्चा हुई। चीन हर वर्ष मानसून से पहले ब्रह्मपुत्र और सतलुज नदियों के जल प्रवाह से संबंधित हाइड्रोलॉजिकल डेटा साझा करता था, लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह प्रक्रिया बाधित थी। इस बैठक में, जल संसाधन सहयोग को फिर से शुरू करने पर सहमति बनी।

मुख्य बिंदु:

  • विशेषज्ञ स्तर की बैठक शीघ्र आयोजित की जाएगी।
  • जल प्रवाह डेटा साझेदारी फिर से बहाल की जाएगी।
  • जल संसाधनों के कुशल प्रबंधन के लिए संयुक्त प्रयास किए जाएंगे।

India-China :व्यापार और आर्थिक सहयोग पर चर्चा

भारत और चीन के बीच व्यापारिक असंतुलन एक प्रमुख चिंता का विषय रहा है। चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है, लेकिन भारत का व्यापार घाटा लगातार बढ़ता जा रहा है। इस बैठक में, दोनों देशों ने व्यापार को पारदर्शी और संतुलित बनाने पर जोर दिया।

मुख्य फैसले:

  • आर्थिक सहयोग को बढ़ाने के लिए संयुक्त औद्योगिक पहल की जाएगी।
  • द्विपक्षीय व्यापार में स्थिरता लाने के लिए नीतिगत सुधारों पर विचार किया जाएगा।
  • दोनों देशों के व्यापारिक समुदायों के बीच संवाद को प्रोत्साहित किया जाएगा।

India-China :संस्कृति और जनसंपर्क सहयोग

India-China ने जनसंपर्क बढ़ाने और सांस्कृतिक सहयोग को मजबूत करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण फैसले लिए। इसमें सीधी हवाई सेवाओं को फिर से बहाल करने की योजना पर भी चर्चा की गई।

प्रमुख कदम:

  • मीडिया, थिंक-टैंक और शिक्षाविदों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।
  • दोनों देशों के नागरिकों के बीच आपसी संबंधों को प्रोत्साहित करने के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन।
  • हवाई यात्रा और पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नई सीधी उड़ानों की शुरुआत।

India-China राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ

2025 में, भारत और चीन अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाएंगे। इस अवसर पर संस्कृति, शिक्षा और कूटनीति से जुड़े विशेष कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इससे दोनों देशों के नागरिकों के बीच समझ और विश्वास को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

India-China :भविष्य की वार्ताएं और समझौतों की तैयारी

India-China ने इस वर्ष के अंत तक भारत में आयोजित होने वाली विशेष प्रतिनिधियों की अगली बैठक की तैयारियों पर भी चर्चा की। इस बैठक में:

  • सीमा विवाद से जुड़े लंबित मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।
  • द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए नए समझौतों पर काम किया जाएगा।

India-China :सारांश

33वीं WMCC बैठक भारत-चीन संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है। यह बैठक दर्शाती है कि दोनों देश बातचीत और सहयोग के माध्यम से विवादों को हल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

विशेष रूप से, कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली और सीधी हवाई सेवाओं की पुनः शुरुआत जैसे कदम दोनों देशों के संबंधों को मजबूत करेंगे। इसके अलावा, व्यापार, जल संसाधन प्रबंधन और सांस्कृतिक आदान-प्रदान जैसे मुद्दों पर लिए गए निर्णय भविष्य में अधिक स्थिर और लाभकारी द्विपक्षीय संबंधों का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

जैसे-जैसे भारत और चीन अपने राजनयिक संबंधों की 75वीं वर्षगांठ मनाने की ओर बढ़ रहे हैं, इन प्रयासों से एक अधिक सौहार्दपूर्ण और सहयोगात्मक भविष्य की नींव रखी जा सकती है।

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