Delhi Highcourt ने सांसद अब्दुल रशीद शेख की संसद उपस्थिति याचिका पर सुरक्षित रखा।

Delhi Highcourt

Delhi Highcourt ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर के सांसद अब्दुल रशीद शेख (इंजीनियर रशीद) की संसद सत्र में भाग लेने की याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया। रशीद वर्तमान में आतंकवाद फंडिंग मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। कोर्ट ने स्पष्ट किया कि न तो अदालत और न ही लोकसभा अध्यक्ष संसद के अंदर उनकी उपस्थिति के दौरान नियमों के उल्लंघन को बर्दाश्त करेंगे।

न्यायमूर्ति अनूप जयराम भाम्भानी ने कहा, “हमारी निगरानी और सुरक्षा व्यवस्था इतनी मजबूत है कि किसी भी अनुशासनहीनता को रोका जा सकता है।”

Delhi Highcourt:NIA की आपत्ति और कोर्ट की टिप्पणी

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने संसद में रशीद की उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी। एजेंसी को आशंका थी कि संसद परिसर में उनके प्रवेश से सुरक्षा को खतरा हो सकता है। हालांकि, न्यायमूर्ति भाम्भानी ने NIA की चिंताओं को खारिज करते हुए कहा, “हम नकारात्मक दृष्टिकोण से चीजों को नहीं देख सकते।

हमें इतना शक्तिहीन महसूस नहीं करना चाहिए कि हमें लगे कि संसद में वह कुछ अनुचित कर सकते हैं। वे हमारी हिरासत में होंगे, और हम पूरी तरह सक्षम हैं उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए।”न्यायमूर्ति चंद्र धारी सिंह और न्यायमूर्ति भाम्भानी की पीठ ने यह भी सुझाव दिया कि अगर रशीद को संसद में भाग लेने की अनुमति दी जाती है, तो उन पर कड़े नियम लागू किए जा सकते हैं।

 Delhi Highcourt :रशीद की याचिका का तर्क

Delhi Highcourt :रशीद की याचिका
Delhi Highcourt :रशीद की याचिका

रशीद के वकील ने स्पष्ट किया कि वह जमानत नहीं मांग रहे, बल्कि हिरासत में रहते हुए संसद सत्र में भाग लेने की अनुमति मांग रहे हैं। उन्होंने अदालत को आश्वासन दिया कि सभी शर्तों का पूरी तरह से पालन किया जाएगा।

Delhi Highcourt ने संसद में अनुशासन को लेकर क्या कहा?

Delhi Highcourt ने जोर देकर कहा कि लोकसभा अध्यक्ष और महासचिव के पास पर्याप्त शक्तियां हैं ताकि संसद में अनुशासन बनाए रखा जा सके।

न्यायमूर्ति भाम्भानी ने कहा, “हम उन्हें जमानत नहीं दे रहे हैं। वह हिरासत में रहेंगे और हमारे अधिकारी उनके साथ होंगे। उन्हें भारत के लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर—संसद—में प्रवेश मिलेगा, लेकिन अनुशासन के उल्लंघन की कोई अनुमति नहीं होगी।” इसके अलावा, कोर्ट ने सुझाव दिया कि यदि आवश्यक हो तो रशीद के साथ पुलिस या जेल अधिकारी सादे कपड़ों में रह सकते हैं।

Delhi Highcourt:रशीद के वकील की दलील और NIA की आपत्ति

NIA की आपत्तियों का जवाब देते हुए रशीद के वकील ने कहा कि संसद में मार्शल पूरी निगरानी रखेंगे। उन्होंने तर्क दिया, “अगर वह कुछ अनुचित बोलने की कोशिश करेंगे, तो उनका माइक तुरंत बंद कर दिया जाएगा और उन्हें हटा दिया जाएगा।” इस पर न्यायमूर्ति सिंह ने कहा, “अगर ऐसा हुआ तो यह राष्ट्रीय मुद्दा बन जाएगा कि उनका माइक बंद कर दिया गया और उन्हें हटा दिया गया।”

रशीद के वकील ने यह भी कहा कि 19 मार्च को ट्रायल कोर्ट द्वारा जमानत याचिका खारिज किए जाने के फैसले को चुनौती दी जाएगी।

Delhi Highcourt:अब्दुल रशीद शेख का आतंकवाद फंडिंग मामला

अब्दुल रशीद शेख, जो बारामूला से निर्दलीय सांसद हैं और जिन्होंने 2024 लोकसभा चुनाव में उमर अब्दुल्ला को हराया था, पर आतंकवाद को वित्तीय सहायता देने के आरोप लगे हैं।

  • 2017 में दर्ज हुए इस मामले में, NIA ने 2019 में उन्हें गिरफ्तार किया था।
  • उन्हें तिहाड़ जेल में रखा गया है।
  • यह मामला अलगाववादियों और आतंकवादी संगठनों को धन मुहैया कराने से जुड़ा है।
  • जांच के दौरान व्यापारी जहूर वटाली (जो सह-आरोपी हैं) से पूछताछ के दौरान रशीद का नाम सामने आया।
  • 2022 में विशेष NIA कोर्ट ने राजद्रोह, आपराधिक साजिश और UAPA के तहत आतंकवाद फंडिंग के आरोप तय किए थे।
  • सितंबर 2023 में, उन्हें जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव प्रचार के लिए एक महीने की अंतरिम जमानत दी गई थी।

Delhi Highcourt:NIA की शर्तें और कोर्ट का फैसला

Delhi Court ने NIA से कहा कि अगर रशीद को संसद में भाग लेने की अनुमति दी जाती है तो क्या अतिरिक्त नियम और सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू किए जा सकते हैं, इस पर अपने सुझाव दें। अदालत ने कहा कि, “हम राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर बेहद सतर्क हैं और कोई ढील नहीं बरती जाएगी।”

Delhi Highcourt:रशीद को संसद जाने की अनुमति मिलेगी या नहीं?

Delhi Highcourt ने इस मामले में फिलहाल फैसला सुरक्षित रख लिया है। अब अदालत जल्द ही इस पर विस्तृत आदेश जारी करेगी।

Delhi Highcourt:सारांश

Delhi Highcourt की यह सुनवाई भारत की न्याय व्यवस्था और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

  • Delhi Highcourt ने लोकसभा अध्यक्ष और संसद की सुरक्षा शक्तियों पर पूरा भरोसा जताया है।
  • NIA की राष्ट्रीय सुरक्षा संबंधी चिंताओं को भी नजरअंदाज नहीं किया गया है।
  • यदि अब्दुल रशीद शेख को संसद में भाग लेने की अनुमति मिलती है, तो उन पर कड़ी निगरानी और सख्त नियम लागू किए जाएंगे।

इस फैसले का असर लोकतंत्र, न्याय प्रणाली और राष्ट्रीय सुरक्षा पर पड़ सकता है। अब सभी की नजरें हाई कोर्ट के अंतिम फैसले पर टिकी हैं।

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